*MEENA History -मीणा इतिहास*।।
*मीणा राजाओ की राजधानी आमेर रही थी*।
राजस्थान में कुल33जिले है।इनमें प्राचीन काल में *आधे से अधिक रियासतों की स्थापना मीणा राजाओ* ने की थी।10वी सदी के बाद बाहर आयें राजपुतों ने मीणाओ के किले, महलो,मंदिरो,बावडियो के अलावा। कुल, गोत्र, वंशावलियां अपने नाम कर ली गई।और नष्ट व छिपा दी गई।
*मीणा क्षत्रिय* जाति की गौरवशाली रियासतों की जानकारियाँ।।
1. *आमेर-जयपुर* - स्थापना ई.पुर्व *अंबा मीणा*, गोत्र उषारा।दुसरी सदी सन् 164में *राव भरत* व कुंतल देव मीणा(सुसावत)के वंशजों ने *सन्1207* तक राज किया।
*आमेर 52मीणा राजाओं की प्रधान राजधानी रही थी*।
गैटाराव मीणा-गैटोर,झौटा राव-झोटवाडा़। सोडाराव-सौडाला,जामा मीणा-जामडो़ली,ये बड़गौती गोत्र के राजा थे। खो घाटी,आमागढ़,नाहरगढ़,मोतीडुंगरी का किला-चांदा गोत्र के *मीणा राजा* के थे ।
आमेर के उत्तर में सिस्यावास,नींदड़ बैनाड़-बैनाडा़ गोत्र के *मीणा राजा* थे ।
ढंढ़ खोरा-मांडयां व मेवाल गोत्र के मीणा राजा।
नायला -देवड़वाल गोत्र के मीणा राजा। बस्सी-बीदाजी मीणा ब्याडवाल।नईनाथ में बादा राव मीणा, गौत्र- गौमलाडू।टोडा मीणा-बैनाडा़। विराट नगर बैराठ।बांसखो में -ध्यावणा।
मांच नगरी-रामगढ़ में सींहरा गोत्र के मीणा राजा रहे थे ।और भी सैकड़ों कई नाम है.......
सन् *1207* में राजपुतों ने धोखे से आमेर के राजा, *सूरसिंह मीणा* के पुत्र भानोराव को दूल्यराय के पौत्र मेकुलदेव कच्छावा ने आमेर छीना।
2. *बुंदी* की स्थापना *बुंदा मीणा* गोत्र ऊषारा।आमेर से आकर दुसरी सदी में सन्164 में राज स्थापित किया। *24 जुन सन् 1242* में धोखे से *देवा हाडा़ ने जैतसिंह मीणा* से राज छीना।
3. *चित्तौड़गढ़* स्थापना ई.पुर्व मीणा राजा *चित्रांगद मोरी* ने गौत्र- मोरी, मुराड्या,चीत्ता,अंतिम मीणा राजा *मानमोर* मीणा को धोखे से बप्पा रावल ने मारकर *सन् 934* में राज छीना।
3. *अजमेंंर* स्थापना,मेर मीणा राजा, *अजय राज* = अजय मेर ने दुसरी सदी में गोत्र-गोमलाडु बाद में चौहान में परिवर्तित धोखे से राज छीना।
4. *रणथंभौर* स.माधोपुर ,ई. पूर्व स्थापना ,रणतऔर भंवर नाम के दो *मीणा* भाइयों ने गौत्र- *टाटू* ।
जुहार सिंह टाटू *हम्मीर देव टाटू प्रसिद्ध मीणा राजा हुए*।राजपुतों ने इन्हें चौहान बताया गया *सन् 1312* में राज गया।अलाउद्दीन खिलजी और राजपुतों के धोखे के शिकार हुए।
4. *कोटा* बुंदी का ही हिस्सा था। कोटा की स्थापना 7वीं सदी अकेले गढ़,आसलपुर,भंवरगढ़ के *भील-मीणा* राजाओ ने की थी।सन् *1264* में जैतसिंह हाडा़ ने धोखे से *कोटीया भील-मीणा*, को मारकर कोटा की स्थापना की।
5. *बाड़मेर* की स्थापना *बाढ़देव मीणा* ने गौत्र-ब्याडवाल।
6. *जैसलमेर* की स्थापना
जैसल देव मीणा ने, गौत्र- ब्याडवाल।
7. *जालौर* की स्थापना
जाला मीणा ने
8. *बांरा* शाहबाद में रणथंभौर के *टाटु* गौत्र के मीणा राजा रहे थे ।
9. *झालावाड़* *मनोहर थाना* *मीणा राजा चक्रसेन* को कोटा के भीमसिंह हाडा़ ने सन् 1618में धोखे से हराया।
10. *बांसवाडा़* *बांसा मीणा* ने स्थापना की ।डूँगरपुर के उदयसिंह के पुत्र जगमाल ने हराया।
11. *डूँगरपुर* की स्थापना। *डुंगा मीणा*- डूंगरियां मेर ने। इसे चित्तोड़ के राजा रत्नसिंह के पुत्र महिप ने हराया।
12. *प्रतापगढ़* की स्थापना *भाभरियां मेर मीणा* ने की थी।1560 में बीका सिसोदियां ने हराया। मीणा राजा भाभरियां की रानी देऊ- *देवली मीणी* की चोटी आज भी प्रतापगढ़ के महलो में पुजी जाती हैं।
15. *अलवर* की स्थापना।नरैठ ,नेहडा़ में *ब्याडवाल* गौत्र के मीणा राजाओ ने की थी। राजोरगढ़,क्यारा,थानागाजी पर मैवाल गौत्र- के मीणा राजा।
16. *दौसा* की स्थापना।
दोसाराव मीणा ने। गौत्र- बैफलावत।
17. *करौली* की स्थापना
दमाच्या गौत्र के मीणा राजा ओ ने।
18. *सिरोही* गोड़वाड़, गौड़ गौत्र के मीणा राजा ओ ने। यहाँ के मीणा राजा को मेवाड़ के रायमल के पुत्र पृथ्वीराज ने हराया।
19. *पाली* की स्थापना पाली मीणा ने गौत्र- चांदा।
20. *टोंक* बनास नदी का क्षेत्र खेराड़ कहलाता था। यहाँ *बरड़* गौत्र के मीणा राजाओ का राज था। महाराणा प्रताप के भाई जगमल ने हराया।
21. *कुंभलगढ़,उदयपुर* प्राचीन नाम *कुशलगढ़* कटारा गौत्र- के मीणा राजा, *कुशला मीणा* ने स्थापना की।बाद में 16वीं सदी में चित्तोड़ के कुंभा ने अधिकार कर कुंभलगढ़ नाम रखा।
22. *नागौर* नाडोल 10वीं सदी तक चांदा गौत्र- के मीणा राजा।
1509 में मीणा राजा भोमपाल को हराया।
23. *भीलवाडा़* की स्थापना
भील-मीणा गौत्र- के मीणा राजाओं ने की थी।
24. *हनुमान गढ़* पर 11वीं सदी तक मीणावंशीय राजाओ ने राज किया था।
इसके अलावा मीणा क्षत्रियो ने मध्यप्रदेश,गुजरात,यूपी,हरियाणा,दिल्ली और पाकिस्तान तक विशाल भुभाग पर राज किया गया था।
जागो की बहियो और राजस्थान के राजाओ के पोथीखानो में मीणा इतिहास की मौजूदगी हैं *मीणा राजाओ का इतिहास ऋग्वेद, महाभारत काल, बौद्ध, जैन काल से 16वीं शताब्दी तक राज करने की जानकारियाँ मौजूद हैं। विजेता शासको द्वारा दुर्भावनावश छिपा दिया गया है*।
जय मीनेष।। 🙏🙏
राम-रामजी।। 🙏🙏
हेमराज मीणा